Home Knowledge Adda आइये जानते मराठा ग़ौरव छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के बारे में

आइये जानते मराठा ग़ौरव छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के बारे में

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आइये जानते मराठा ग़ौरव छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन के बारे में

छत्रपति शिवाजी महाराज को न केवल मराठी बल्कि पूरा हिन्दुस्तान जानता हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज देश के वीर सपूतो में से एक है। उन्होंने मुगलो से संघर्ष कर उन्हें धूल चटाई थी। वर्ष 1674 में उन्होंने पश्चिम भारत मराठा सम्राज्य की नींव रखी थी। 

पारिवारिक जीवन – शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 में एक मराठी परिवार में हुआ था। इनके पिताजी का नाम शाहजी भोसलें और माता का नाम जीजाबाई था, उनकी माता ने भगवान शिव के नाम पर शिवाजी का नाम रखा था। शिवाजी के पिताजी मराठा सेनापति थे। शिवजी अपनी माँ जीजाबाई के प्रति बेहद समर्पित थे।

शिवाजी की माँ उन्हें बचपन से महाभारत और रामायण की कहानियां सुनाया करती थी, उन्होंने शिवाजी महाराज को युद्ध के कई किस्से सुनाए थे, जिससे उनके मन में इसका गहरा असर पड़ा था। शिवाजी का विवाह 14 मई 1640 में सईबाई निब्लाकार के साथ पुणे में हुआ था। 

मराठा राज्य के प्रथम शासक – शिवाजी महाराज मराठा राज्य के प्रथम शासक थे। उनका सपना था कि अलग मराठा राज्य बने। धीरे धीरे शिवाजी ने मराठा राज्य बनाने के उदेश्य से आस पास के छोटे छोटे राज्यों पर आक्रमण कर उन्हें जितना शुरू किया।  इसके साथ उनके आस पास के किलों को जीतकर उन्होंने नए किलों का निर्माण भी करवाया।  

मुग़ल सुलतान को सिखाया सबक –  एक बार शिवाजी को मारने के लिए बाजीपुर के सुल्तान ने अपने सेनापति अफजल को सेना के साथ पुणे भेजा और वहां पर अफजल ने एक योजना बनायी।  अफजल ने संधि करने का सन्देश देकर शिवाजी को अपने तम्बू में बुलाया, जब शिवजी अफजल से मिलने गए तब उसने चालाकी से अपने खंजर से शिवाजी को मारना चाहा। लेकिन शिवाजी ने उसकी चाल को नाकमयाब कर दिया और उसे एक ही वार में मार गिराया।

 दरअसल बाजीपुर के सुल्तान आदिलशाह ने शिवाजी को बंदी बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन उसमे वह नाकाम हो गए थे ,जिसके कारण उसने शिवाजी के पिताजी को अगवा कर लिया और शिवाजी के पिताजी शाहजी को बंदी बना लिया। 

अपने पिता को बंदी बनाए जाने की खबर सुन शिवाजी को बहुत क्रोध आया और उन्होंने अपने पिताजी को आदिलशाह की कैद से आज़ाद करवाया और साथ ही उसे ढूंढ़ने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया और इसी डर से सुल्तान आदिलशाह ने अपने सेनापति अफजल को संधि की योजना बनाकर भेजा था। 

छत्रपति शिवाजी महाराज एक ऐसे भारतीय शासक थे, जिन्होंने अकेले मराठा साम्राज्य खड़ा किया था , इसीलिए उन्हें एक वीर एवं अमर स्वतंत्रा सेनानी के रूप में जाना जाता है। वीर शिवाजी राष्ट्रियता के जिवंत प्रतीक एवं परिचायक थे। उन्होंने आजीवन अपने गुरु की चरण पादुकाएं राजगद्दी में रखकर राज किया था ।     

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