आज के समय में जब मोबाइल, लैपटॉप, टेलीविज़न, गेम्स अपने चरम पर है। ऐसे समय में बच्चों को सही दिशा में रखना और उनके व्यवहार को समझना पेरेंट्स के लिए बहुत चैलेंजिंग होता जा रहा है। अक्सर हम ये देखते है कि बच्चे घर के बाहर बहुत ज़्यादा ज़िद दिखाने लगते है और अगर उनके मन की बात पूरी न हो तो वो रोना धोना मचाकर आपकी नाक में दम कर देते है नतीजन हार कर आपको उनकी बात माननी पड़ती है। लेकिन क्या आप जानती है कि बच्चों की इन आदतों को आप अपने जीवन में छोटे छोटे बदलाव लेकर चेंज कर सकती है। आइए जानते है कि आप ज़िद्दी और अड़ियल बच्चों को किन छोटी छोटी चीज़ो से सुधार सकती है।
बच्चे नहीं होंगे ज़िद्दी और अड़ियल !
1. घर में दें बच्चों को आज़ादी- अक्सर पेरेंट्स स्ट्रीक्ट बनने के चक्कर में अपने बच्चो के लिए कुछ रूल्स बना लेते है। हालांकि नियम बनाना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन कभी कभी बच्चो को उनके दिल की भी कर लेने दीजिये इससे उनको घर का माहोल घुटन भरा नहीं लगेगा और बच्चा बाहर जाने को अपने फ्रीडम की चाभी भी नहीं समझेगा।
2 . हरदम न से करें परहेज – कई बार पेरेंट्स बच्चे की हर बात को नकार देते है। वो हर चीज़ में उसे न कहते है जिससे बच्चों के अंदर आपकी ‘नो मीन्स नो’ की वैल्यू खत्म हो जाती है और वो बाहर भी आपकी नो को इग्नोर कर देता है।
3. प्यार से समझाएं – बच्चे जब बाहर ज़िद करने लगते है तो हम उन्हें आंख दिखाकर या घर पर बताऊंगी जैसी बात कहने लगते है जिससे बच्चे और आपके बीच का कम्युनिकेशन टूटने लगता है। बच्चा और ज़िद करने लगता है। गुस्से की बजाए उसे प्यार से समझाए और उसे सही रीज़न देकर प्यार से मनाएं।
4 . उनकी बातें सुने – माँ-बाप अक्सर अपनी ही बात बच्चों को सुनाते है। उनकी बात सुनने से परहेज करते है जबकि हमें इसके उलट करना चाहिए बच्चा आपसे क्या कहना चाहता है उसे सुनें और सुनकर समझे। इससे आपको बच्चे की मनोस्थिति का भी पता चलेगा और आप बच्चों को ज़्यादा अच्छे से हैंडल कर पाएंगे।
5. उनको सराहें और भरपूर प्यार दें – अक्सर कई पेरेंट्स बच्चों को हर समय क्रिटिसाइज करते है या उनकी तुलना अन्य बच्चों से करके उन्हें नीचा दिखाते है जिससे आपके बच्चे का आप पर भरोसा टूटता है और वो आपसे कोई बात शेयर नहीं करता। बच्चों को उनकी छोटी छोटी बातों में भी सराहे और गलती होने के बावजूद भी उनको भरपूर प्यार दें।ऐसा करने ने बच्चा आपकी बातें को आसानी से मानेगा और बाहर जाने पर वो आपके सामने ज़िद्द भी नहीं दिखयेगा
आपकी ये छोटी-छोटी बातें आपके और आपके बच्चे के बीच प्यार की एक डोर बाँध देगी और आपका बच्चा आपकी बातों को इग्नोर नहीं करेगा।