Thursday, November 7, 2024
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ये 6 बातें आपको अपने बच्चे से रोज़ कहनी चाहिए

पॉजिटिव पेरेंटिंग टिप्स

माता-पिता बनना हर किसी के लिए बेहद ख़ुशी और गर्व की बात होती है लेकिन इस ख़ुशी के साथ साथ कई सारी ज़िम्मेदारिया भी आती है। आज के समय में माता पिता दोनों वर्किंग है ऐसे में बच्चों की ऐसी कई बातें वो मिस कर जाते है बेहद महत्वपूर्ण होती है। पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ उतना समय नहीं बिता पाते जितना की वो बिताना चाहते है । लेकिन आप कितने भी बिजी हो जाये अपने बच्चों से ये बातें कहना कभी न भूले। 


  •  प्यार का करे इज़हार – वर्किंग पेरेंट्स होने की वजह से आप अपने बच्चे को ज़्यादा समय नहीं दे पाते है, जिस वजह से बच्चा आपके प्यार को ज़्यादा अच्छे से नहीं समझ पाता। इसीलिए ये जरुरी है कि आप दिन में कम से कम आई लव यू बोलकर उन्हें यह जताये कि आप उससे कितना प्यार करते हो। 


  • बच्चे की करे तारीफ़ – जब भी आपके बच्चे कुछ करे या फिर किसी काम में आना पूरा एफर्ट लगाए तो उसकी प्रशंसा करे। अगर कोशिश करने के बावजूद कोई काम सफल न हो पाए तो भी उनके एफर्ट के लिए भी उनकी प्रशंसा करे। ऐसा करने से बच्चो का आत्मविश्वास तो बढ़ेगा ही साथ ही वे आपके करीब भी आ जायेंगे। 

  • दिन के बारे में पूछे – घर आते ही अपने बच्चे से ढेर सारी बातें करे , उनसे उनके दिन के बारे में पूछे। इससे आपको उनके जीवन में क्या चल रहा है ये जानने का भी मौका मिलेगा और आपकी बॉन्डिंग भी स्ट्रांग होगी। लेकिन एक बात को ध्यान में रखे कि आते ही उनके होम वर्क के बारे में बात न करने लगे या फिर उन्हें शैतानी के लिए डाँटने न लगे। अगर आप ऐसा करते है तो बच्चे आपसे दूर होने लगेंगे। 


  • सॉरी और थैंक यू कहे – अक्सर हम बच्चो से उम्मीद करते है कि वो अपनी गलती होने पर माफ़ी मांगे लेकिन जब हमसे गलती हो जाती है तो हम उसे इग्नोर कर देते है। लेकिन यह बहुत जरुरी है कि आप सॉरी और थैंक यू को अपने जीवन में शामिल करे, इससे आपके बच्चे भी इन शब्दों को अपने जीवन में इन्हे शामिल करेंगे। 

  • बच्चों के साथ खेले – बच्चों के साथ उनका कोई भी गेम खेले जैसे लूडो , कैरम या अन्य कोई गेम खेले। इसके अलावा आप बच्चों को अपनी एक्टिविटी जैसे केक या चोकलेट बनाने में मदद ले। ऐसा करने से आप दोनों की बॉन्डिंग भी स्ट्रांग होगी। 

  • बच्चों से मांगे राय – अक्सर पेरेंट्स ये समझते है कि बच्चों को अनुभव नहीं है इसीलिए उनकी राय नहीं लेते । ऐसा करने से बच्चे आपको कंट्रोलिंग तो समझेंगे ही, साथ ही उनमे निर्णय लेने की क़ाबलियत का जन्म भी नहीं होगा। उनके लिए कोई भी निर्णय लेने से पहले उनकी राय जरूर ले। आपके ऐसा करने से बच्चों को उनकी अहमियत का एहसास होगा और उनके अंदर निर्णय लेने की क्षमता का विकास होगा। 

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