Tuesday, September 30, 2025
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एफडीएसए ने रांची में किया “3rd Education & Awareness Programme on Direct Selling” का सफल आयोजन

Network Marketing News: फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन्स (FDSA) ने 16 सितम्बर 2025 को रांची के Radisson Blu होटल में “Education & Awareness Programme” का सफल आयोजन किया। इस कार्यक्रम में झारखंड और पूर्वी भारत के विभिन्न हिस्सों से आए 500 से अधिक डायरेक्ट सेलर्स और उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया। आयोजन का मुख्य उद्देश्य डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री से जुड़े लोगों को नियम, अवसर, चुनौतियाँ और संभावनाओं के बारे में जागरूक करना तथा इसे एक सम्मानजनक एवं संगठित व्यवसाय के रूप में स्थापित करना था। यह कार्यक्रम पहल फाउंडेशन की पहल पर आयोजित किया गया और एफडीएसए एवं सीईडीएसए (CEDSA) द्वारा आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन श्री राजकुमार ने किया। स्वागत भाषण में श्री संजय साहू ( Director – Vedalex Worldclass Products Pvt Ltd) ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि यह पहल न केवल डायरेक्ट सेलिंग के भविष्य को दिशा देगी बल्कि झारखंड जैसे उभरते बाजारों में नए अवसर भी खोलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि एफडीएसए देशभर में उद्योग के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म बन रहा है। शूलिनी यूनिवर्सिटी के प्रो. कमल कांत वशिष्ठ (CEDSA) ने “Introduction of Direct Selling, Global Scenario & Scope in India” विषय पर जानकारी दी। उन्होंने पारंपरिक वितरण प्रणाली में बिचौलियों की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि डिसइंटरमीडिएशन (बिचौलियों को हटाना) ही डायरेक्ट सेलिंग का आधार है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे विशाल बाजार में ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में अपार संभावनाएं मौजूद हैं और खासकर महिलाओं और युवाओं के लिए यह क्षेत्र रोजगार और उद्यमिता का सशक्त माध्यम बन सकता है।

एफडीएसए के उपाध्यक्ष श्री राजीव गुप्ता ने “Past, Present & Future of Direct Selling in India” विषय पर वक्तव्य देते हुए उद्योग की यात्रा को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि 1990 के दशक में अमवे जैसी कंपनियों के प्रवेश के बाद भारत में इस उद्योग की नींव पड़ी। उन्होंने यह भी कहा कि आज उपभोक्ता संरक्षण (डायरेक्ट सेलिंग) नियम 2021 जैसी सरकारी नीतियाँ उद्योग को मज़बूत आधार दे रही हैं और आने वाले वर्षों में इसका प्रभाव और व्यापक होगा।

कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि श्री मोहम्मद जाकिर हुसैन, निदेशक – दूरसंचार विभाग, भारत सरकार उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि सरकार हमेशा पारदर्शिता और उपभोक्ता हित को ध्यान में रखकर डायरेक्ट सेलिंग उद्योग को बढ़ावा देती रही है। एफडीएसए के महासचिव श्री किशोर वर्मा ने नियम, अनुपालन और बेस्ट प्रैक्टिसेज पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को सलाह दी कि वे केवल नैतिक और अनुशासित डायरेक्ट सेलिंग में संलग्न रहें ताकि उद्योग की छवि को मजबूती मिले। इसके बाद एफडीएसए की सदस्य कंपनियों का परिचय दिया गया और कुछ नई कंपनियों को सदस्यता प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।

दोपहर के कार्यक्रम में शूलिनी यूनिवर्सिटी की ओर से प्रो. कमलकांत वशिष्ठ ने डायरेक्ट सेलिंग में शिक्षा और अकादमिक योगदान की भूमिका बताई। उन्होंने CEDSA द्वारा शुरू किए गए PG Diploma और MBA/BBA प्रोग्राम्स की जानकारी साझा की, जो उद्योग के लिए प्रशिक्षित और पेशेवर डायरेक्ट सेलर्स तैयार कर रहे हैं। इसके बाद श्री कपिल शर्मा (CEDSA) ने सोशल मीडिया और डिजिटल टूल्स के प्रभावी उपयोग पर अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि आज का डायरेक्ट सेलिंग टेक्नोलॉजी से अलग नहीं हो सकता, और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स इसके विस्तार में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रहे श्री हेम पांडे (सेवानिवृत्त आईएएस, पूर्व सचिव – भारत सरकार)। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत में डायरेक्ट सेलिंग लाखों लोगों के लिए आजीविका और आत्मनिर्भरता का साधन बन रहा है। उन्होंने इस उद्योग को अनुशासन और पारदर्शिता अपनाने की अपील की ताकि समाज में इसकी स्वीकार्यता और बढ़ सके। एफडीएसए के अध्यक्ष श्री ए. पी. रेड्डी ने अपने मुख्य भाषण में कहा कि यह उद्योग आने वाले वर्षों में रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण और डिजिटल इंडिया मिशन में अहम योगदान देगा। उन्होंने डायरेक्ट सेलर्स से आग्रह किया कि वे अपने व्यवसाय को केवल आय का साधन न मानें, बल्कि इसे सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बनाएं।

इस खुले मंच ने डायरेक्ट सेलर्स की शंकाओं का समाधान करने के साथ-साथ उन्हें नए विचारों और रणनीतियों से भी अवगत कराया। अंत में धन्यवाद ज्ञापन दिया गया और राष्ट्रीय गान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

रांची में आयोजित यह एफडीएसए कार्यक्रम न केवल एक शैक्षिक मंच साबित हुआ बल्कि डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के लिए नए रास्ते खोलने वाला कदम भी रहा। 500 से अधिक डायरेक्ट सेलर्स की मौजूदगी ने यह सिद्ध कर दिया कि यह उद्योग झारखंड समेत पूरे भारत में तेजी से बढ़ रहा है और आने वाले समय में यह संगठित रोजगार और उद्यमिता का बड़ा माध्यम बनेगा।

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