‘अभी तो इस बाज की असली उड़ान बाकी है ,
अभी तो इस परिंदे का इम्तिहान बाकी है
अभी अभी मैने लांघा है समुंदरों को
अभी तो पूरा आसमान बाकी है’।
पुरे आसमान को अपनी आगोश में समाने की सोच रखने वाले डायरेक्ट सेलिंग लीडर मिस्टर मुकेश कुमार सिंह का जन्म दिल्ली में एक मिडिल क्लास परिवार में हुआ था। परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी खराब थी कि बहन और पिताजी की तबियत साथ खराब होने पर केवल एक के इलाज करवाने की ही सम्भावना थी।
पैसो की कमी के कारण बहन को खोया – पैसो की कमी के चलते पिताजी ने बहन का इलाज करवाने की ठानी, लेकिन बहन के इलाज में भी पैसो की कमी होने के कारण मुकेश जी के पिताजी ने लोगो के हाथ-पैर जोड़े पर कोई मदद नहीं मिली, जिस कारण उनकी बहन का इलाज नहीं हो पाया और सही इलाज न मिलने के कारण उनकी बहन की मृत्यु हो गयी। बहन की मृत्यु ने मुकेश जी को अंदर तक हिला दिया उस दिन उन्हें एहसास हुआ कि पैसा कितना महत्वपूर्ण है। उसी दिन मुकेश जी ने निर्णय लिया कि जीवन में ढेर सारा पैसा कमाना है। पैसा कमाने की ललक और घर के हालात सुधारने के उदेश्य से मुकेश जी ने 12वी पास करने के बाद मात्र 1500 रुपए हर महीने की सैलेरी पर स्कूल में पढ़ाना शुरू कर दिया और शाम को घर पर ट्यूशन भी पढ़ाने लगे लेकिन उससे उनको संतुष्टि नहीं मिली।
डायरेक्ट सेलिंग ने दी जीवन में दस्तक – मुकेश जी कुछ बड़ा करना चाहते थे उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बी कॉम किया और साथ ही कोचिंग भी दी लेकिन वहां भी उनको संतुष्टि नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने तक़रीबन 8 साल तक LIC की नौकरी भी की। लेकिन जिस तरह के ख्वाब मुकेश जी की आँखों में थे उस नौकरी से उन्हें वह ख्वाब पूरे होते हुए नज़र नहीं आ रहे थे। तभी उनके दोस्त ने उन्हे डायरेक्ट सेलिंग के बारे में बताया , मुकेश जी को इंडस्ट्री से अपने सपने पूरे होने की उम्मीद नज़र आने लगी और उन्होंने इंडस्ट्री को ज्वाइन कर लिया। लेकिन शुरू में वह काफी निराश हुए क्योंकि वह बिना ट्रेनिंग के इसे कर रहे थे और उनके मन में यह सोच थी कि इंडस्ट्री एक तरह की स्कीम है जहां से वे मालामाल हो जायँगे।
ट्रेनिंग की शक्ति से मिली सफलता – मुकेश जी के लगातार फेलियर की वजह से उनके एक अपलाइन ने उन्हें ट्रेनिंग की पावर से रूबरू करवाया। ट्रेनिंग की पावर को जानकर और जानकारी से लबालब होकर मुकेश जी ने डायरेक्ट सेलिंग करनी शुरू कर दी , जिसके नतीजे उन्हें बेहद सकारात्मक मिले। जब मुकेश जी ने डायरेक्ट सेलिंग की शुरुआत की थी तब उनके पिताजी ने उन्हें सेकंड हैंड साइकिल दी थी और उस समय उन्होंने मन में एक संकल्प लिया था कि उन्हें साइकिल की जगह पिताजी को एक दिन कार में बैठाना है और आज डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री की बदौलत उनका यह संकल्प पूरा हो गया है ।
डायरेक्ट सेलिंग ने बदला जीवन – आज उनके पास दो गाड़िया है जिसमे से एक लक्सरी कार है। कभी छोटे से घर में रहने वाले मुकेश जी के पास आज दिल्ली जैसे शहर में 3 घर है। आज वह डायरेक्ट सेलिंग के ज़रिए अपने सपनो को जी रहे है और 16 बार विदेश यात्राएं कर चुके है।
देखे मुकेश जी के जीवन की कहानी –https://www.youtube.com/watch?v=HUhwmuJhTPo
डायरेक्ट सेलिंग नाउ मुकेश कुमार सिंह जी को उनके सपने पूरे होने की बधाई देते हुए उनकी हरदम सीखते रहने की सोच की सराहना करता है और उनके मंगलमय जीवन की शुभकामनाएं देता है।