आपने इंडस्ट्री के बड़े बड़े दिग्गजों को कहते हुए सुना होगा कि ‘Network is Networth’ और नेटवर्क ही इस इंडस्ट्री की पहचान है। डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री में नेटवर्क शब्द बेहद महत्वपूर्ण है और नेटवर्क के बिना डायरेक्ट सेलिंग इडस्ट्री योद्धा बिना हथियार की तरह है जो जीतने के सारे हुनर तो जानता है लेकिन बिना हथियार के मजबूर है। उसी तरह डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री नेटवर्क के बिना है ।
इस इंडस्ट्री में सभी काम नेटवर्क के द्वारा किया जाता है और यही इस इंडस्ट्री की सबसे बड़ी ख़ासियात और ताकत भी है ।
अब इस बात को मानते हुए भारत सरकार के केंद्रीय उपभोक्ता , खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने डायरेक्ट सेलिंग नियमो में संसोधन कर एक अधिसूचना जारी की है।
इस अधिसूचना में डायरेक्ट सेलिंग कानून के खंड (घ) में इस्तेमाल किये गए शब्द ‘ सीधे विक्रेताओं के माध्यम ‘की जगह ‘सीधे विक्रेताओं के नेटवर्क के माध्यम से’ जोड़ा गया। इससे पहले डायरेक्ट सेलिंग नियमो के अंतर्गत कही भी नेटवर्क शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया था लेकिन अब नेटवर्क शब्द जुड़ने से इंडस्ट्री में सकारत्मकता का प्रचार प्रसार हुआ है। इस अधिसूचना के बाद डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री में खासा उत्साह है।सभी ने इस अधिसूचना पर ख़ुशी जताते इसे डायरेक्ट सेलिंग के लिए बेहतर बताया और कहा कि इससे इंडस्ट्री तेजी से आगे बढ़ेगी।
सभी Direct Selling Associations के द्वारा की गयी वर्षो की मेहनत , योगदान और इंडस्ट्री की एकजुटता की वजह से यह सब संभव हो पाया है।
आपको बतादें 12 सितम्बर 2016 में भारतीय सरकार ने डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन लागू की थी और 28 दिसंबर 2021 में डायरेक्ट सेलिंग रूल्स लागू किये थे। जिसकी बदौलत डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को क़ानूनी मान्यता मिली थी और आज नेटवर्क शब्द को क़ानूनी मान्यता मिलने के साथ इस इंडस्ट्री को पहचान मिल गयी है।
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