न केवल भारतीय बल्कि पुरे विश्व के बाजार बदल रहे हैं और बाजार के तौर- तरीके भी बदल रहे हैं। धीमी आहट में बड़े परिवर्तन जब बाजार की चौखट पर दस्तक देते हैं, तो दूरदर्शी व्यापारियों की एक पौध जन्म लेती है और यही पौध उस उद्योग का बाजार में प्रतिनिधित्व करती है। डायरेक्ट सेलिंग उद्योग भी इसी धीमी आहट में 21वी सदी की सबसे बड़ी क्रांति का रूप लेने जा रहा है। डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री न केवल भारत में बल्कि पुरे विश्व में विकास की एक नयी क्रांति ला रही है। यह इंडस्ट्री धीरे धीरे बाजार में अपनी ऐसी पकड़ बना रही है जैसे आसमान में चमकता हुआ सितारा।
डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री पुरे विश्व के बाज़ारो में कितनी तेज़ गति से अपना नाम दर्ज करवा रही है यह जाहिर करते है वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ़ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन के आंकड़े।
वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ़ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन के अनुसार विश्व के 59 देशों में यह उद्योग 178 बिलियन डॉलर से ज़्यादा का सालाना व्यपार कर रहा है और अगर बात करे इसके प्रतिनिधत्व की तो तक़रीबन 9.6 करोड़ से ज़्यादा लोग इसका प्रतिनिधित्व कर रहे है। यह आकड़ा साल दर साल बढ़ता जा रहा है जैसे साल 2014 में यह अकड़ा 8.58 करोड़ था।
डायरेक्ट सेलिंग को बाजार नेटवर्क मार्केटिंग, मल्टीलेवल मार्केटिंग सरीखे कई नामों से जानता है। अब वह समय आने जा रहा है जब डायरेक्ट सेलिंग न केवल भारत बल्कि पूरे वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत पकड़ बनाएगा और एक समय ऐसा भी आएगा जब डायरेक्ट सेलिंग पूरे बाजार के गणित को बदल कर रख देगा ।
कब हुई शुरुआत – डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री की शुरुआत ही आम आदमी को ख़ास बनाने के मकसद से हुई थी। साल 1917 में चीन में एक हेल्थ सप्लीमेंट द्वारा इसकी शुरुआत हुई थी , हलाकि तब लोगो ने इसका बहुत मज़ाक बनाया था। लेकिन इसकी असल शुरुआत 1930 में आर्थिक मंदी में अमेरिका में हुई। इसके बाद डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री ने अपने कदम पीछे नहीं खींचे और लगभग विश्व के हर कोने में पहुंचकर परचम लहराया और आज यह अमेरिका सहित अन्य देशो में करोड़ो लोगो की आय का स्त्रोत बनी हुआ है।
सबसे उभरता हुआ व्यपार – युनाइटेड स्टेट्स डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन के नेशनल सेल्स फोर्स सर्वे 2014 की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। इस रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के करीब 1.82 करोड़ लोगों की जिंदगी बदलने वाले इस व्यवसाय में गत वर्ष 8.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो बाजार के हालत देखते हुए उम्दा है।
डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री न केवल पुरुषो को बल्कि यह लगभग 1.4 करोड़ महिलाओ को अब तक उद्यमी बना चूका है। लोग एंटरप्रेन्योरशिप के अलावा घरेलु जरूरते पूरी करने के लिए भी इस इंडस्ट्री का सहारा ले रहे है और ऐसे लोगो की संख्या लगभग 6 करोड़ के करीब है।
डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री का जादू और इससे मिलने वाली कामयाबी का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते है कि मल्टी नेशनल कम्पनीज के जन्मदाता से लेकर अंतरराष्ट्रिय बैंको के अध्यक्ष व् उपाध्यक्ष , डॉक्टर्स और यहाँ तक की इनजीनियरस तक अपने व्यवसाय को छोड़कर डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को अपना चुके है। सोचिये जब इतने विद्वान् और अपने फील्ड में अव्वल लोग इंडस्ट्री को ज्वाइन कर रहे है तो इसका मतलब साफ़ है कि इंडस्ट्री में बहुत कुछ ख़ास है।