समय भले ही बदल गया हो, लेकिन हर घर में कम से कम तुलसी का एक पौधा हो तो कई रोगों का इलाज घर में ही किया जा सकता है। हिंदू धर्म में तुलसी को सिर्फ एक पौधा नहीं, बल्कि देवी का रूप माना गया है। यही कारण है कि आंगन में तुलसी का पौधा लगाना और उसकी पूजा करना सदियों से भारतीय परंपरा रही है। घर में तुलसी लगाने और उसकी पूजा करने के पीछे भी कुछ वैज्ञानिक कारण भी हैं। तुलसी सिर्फ एक पौधा ही नहीं है बल्कि इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटी के तौर पर किया जाता है। तुलसी में बहुत रोगों से लड़ने की क्षमता होती है इसलिए इसे ‘क्वीन ऑफ हर्ब्स’ कहा जाता है।तुलसी के बीजों में फ्लैवोनोइड्स और फेनोलिक शामिल होते हैं जो कि मानव के शरीर में प्रतिरक्षा प्रणाली को सुधारते हैं। तुलसी एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है जो कि शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाती है। अगर आप इसकी पत्तियां चबाते हैं या फिर इससे हर्बल-टी बनाकर पीते हैं तो उससे शरीर को लाभ होता है। अगर किसी भी इंसान का इम्युनिटी सिस्टम स्ट्रॉन्ग है तो उसे बीमारियां कम लगती हैं ।तुलसी एक औषधीय पौधा है जिसमें विटामिन और खनिज पाए जाते हैं। ये रोगों को दूर करने और शारीरिक शक्ति बढ़ाने में मदद करता है इसलिए इससे ज्यादा उपयोगी औषधि और कोई नहीं है।
तुलसी के प्रकार –
राम तुलसी -राम तुलसी को लक्ष्मी तुलसी या ग्रीन लीफ बेसिल के रूप में जाना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम ओसिमम सैंक्टम है। राम तुलसी के पौधे के प्रत्येक हिस्से से एक तेज सुगंध निकलती है। पौधे की पत्तियां हरी होती हैं और सर्दियों तथा सूरज की रोशनी के लिए बेहतर सहनशीलता होती है। तुलसी की अन्य किस्मों की तुलना में राम तुलसी को अधिक पानी और उर्वरक की आवश्यकता होती है। इसे जड़ी-बूटियों की रानी के रूप में भी जाना जाता है।
श्याम तुलसी-श्याम तुलसी या कृष्ण तुलसी (Black tulsi) एक ऐसी प्रजाति होती है, जिसकी पत्ती, मंजरी व शाखाएं बैंगनी-काले से रंग के दिखते हैं। सेहत की दृष्टि से श्यामा तुलसी आमतौर पर मिलने वाली राम तुलसी से ज्यादा फायदेमंद होती है।श्यामा तुलसी का बोटैनिकल नाम Ocimum Tenuiflorum है। जामुनी रंग वाली श्यामा तुलसी जवान और बड़े उम्र लोगों के लिए अधिक लाभकारी होती है।
बर्बरी तुलसी –आयुर्वेदिक किताबों के अनुसार, तुलसी बर्बरी के फायदे वात-पित्त-कफ विकार दोषों को दूर करने, भूख को बढ़ाने और हृदय को स्वस्थ बनाने में मिलते हैं। आप खुजली, रक्तविकार, कुष्ठ रोग, विसर्प और मूत्र संबंधित बीमारियों में भी तुलसी बर्बरी से लाभ ले सकते हैं।
श्वेत तुलसी : इसे विष्णु तुलसी के नाम से भी जाना जाता है। इसका प्रयोग बच्चों के कफ, खांसी, जुकाम, आदि में किया जाता है।
लेमन बेसिल -लेमन बेसिल पौधा बारहमासी, सुगंधित होता है। लेमन तुलसी के पौधे में हरे रंग के पत्ते और सफेद रंग के फूल होते हैं, इसके साथ साथ इसमें नींबू की तेज गंध भी आती है। लेमन बेसिल के सभी भाग जैसे- फूल, पत्ते और तने खाने योग्य होते हैं। इसे कई सामान्य नामों से जाना जाता है, जैसे- होरी बेसिल (hoary basil), थाई लेमन बेसिल (Thai lemon basil), या लाव बेसिल (Lao basil) आदि। यह स्वीट बेसिल और अमेरिकन बेसिल के बीच की एक संकर (hybrid) प्रजाति है ।
तुलसी के पौधे का जितना महत्व धार्मिक रूप से है, उतना ही आयुर्वेद में भी है। आयुर्वेद में तुलसी को औषधीय पौधा माना जाता है, जो व्यक्ति को कई रोगों से बचाता है। तुलसी हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होती है। घर में या फिर आंगन में तुलसी का पौधा लगाना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इसे घर में रखने से नकारात्मकता दूर होती है और साथ ही परिवार में सुख समृद्धि आती है।