Direct Selling Industry: भारत में डायरेक्ट सेलिंग, नेटवर्क मार्केटिंग या मल्टीलेवल मार्केटिंग को काफी लोग सही नहीं मानते हैं। कई बार 2 जोड़ो, 4 जोड़ो और चेन स्कीम का नाम देकर इसका मजाक भी बनाया जाता है। यहाँ सवाल यह उठता है कि क्या इस फील्ड में करियर बनाया जा सकता है? क्या जिन लोगों के पास रिसोर्सेज और अवसरों की कमी है, क्या वो भी इस इंडस्ट्री में अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं? आइए डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री से जुड़ी तमाम उलझनों को सुलझाने के लिए एक सच्ची कहानी की बात करें, जो आपके तमाम सवालों के जवाब देगी।
Direct Selling Industry News In Hindi
आज हम बात करने वाले हैं- एक ऐसे व्यक्ति के जीवन की, जिन्होंने न सिर्फ डायरेक्ट सेलिंग में करियर को चुना, बल्कि आज वो इस इंडस्ट्री की एक जानी-मानी हस्ती और लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।
हम बात कर रहे हैं, श्री महावीर कैंतुरा की, जो कॉलेज में एमएससी टॉपर रह चुके हैं। कॉलेज के बाद उनके पास करियर के लिए काफी विकल्प थे, लेकिन उनका सामना डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री से हुआ, और जिसके चलते इस इंडस्ट्री के प्रति उनकी उत्सुकता बढ़ने लगी। इसके बारे में ज्यादा जानने के लिए उन्होंने इस इंडस्ट्री से जुड़ी किताबें पढ़ना शुरू किया, कई प्रसिद्ध डायरेक्ट सेलर्स को पढ़ा, जिन्हें पढ़ने के बाद उन्हें डायरेक्ट सेलिंग का विज़न मिला।
गरीबी का संघर्ष और बड़े सपनों की चाहत
वो एक लोअर मिडल क्लास फैमिली थे, लेकिन उनके सपने बहुत बड़े थे, वो न सिर्फ अपनी जिंदगी बदलना चाहते थे, बल्कि अन्य लोगों के जीवन में कंट्रीब्यूट करना चाहते थे। खासकर उनके लिए, जिनके पास ग्रोथ के ज्यादा विकल्प और रिसोर्सेज नहीं होते हैं। जब उन्होंने देखा कि इस इंडस्ट्री में कोई भी व्यक्ति महज 4 से 5 हज़ार रुपए के मिनिमम अमाउंट के साथ अपना बिज़नेस शुरू कर सकता है, तो उन्होंने डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को चुनने का निर्णय लिए। हालाँकि उनकी पीढ़ियों में किसी ने इस प्रकार का बिज़नेस नहीं किया था। उनके पिता एक किसान हैं और दोनों भाई जॉब करते हैं।
कई चुनौतियों का करना पड़ा सामना
इस बिज़नेस की समझ न होने की वजह से श्री महावीर कैंतुरा को शुरुआती 1 साल में काफी संघर्ष करना पड़ा। लेकिन कहते हैं कि सफलता एक कमजोर शिक्षक है, लेकिन हर असफलता हमें और मजबूती के साथ लौटना सिखाती है। इस संघर्ष की एक बड़ी वजह यह भी थी कि शुरुआत में उन्हें परिवार का सपोर्ट नहीं मिला।
लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। डायरेक्ट सेलिंग की बेसिक नॉलेज के साथ नई-नई चीजें सीखते रहे, सेमिनार, कांफ्रेंस और ट्रेनिंग में जाना अपनी रूटीन में शामिल कर लिया। लेकिन अभी भी असफलताओं का दौर ख़त्म नहीं हुआ था। अक्सर डायरेक्ट सेलिंग में जब आपके पास पैसे नहीं होते, या बड़ी सफलता नहीं मिलती, तो इस फील्ड में आपका संघर्ष और भी ज्यादा बढ़ जाता है। इसलिए महावीर कैंतुरा के लिए भी मुश्किलें एक बार फिर बढ़ गईं, लेकिन उन्होंने इस फील्ड को छोड़ने के बारे में नहीं सोचा, क्योंकि उन्होंने पहले से ही ठान लिया था कि उन्हें डायरेक्ट सेलिंग में ही करियर बनाना है।
असफलताओं की प्रेरणा से मिली सफलता
कड़ी मेहनत और संघर्ष के बाद, एक समय ऐसा आया जब उनकी सफलताएं, पिछली असफलताओं से काफी बड़ी होने लगी। इंशोरेंस से लेकर उनके जितने भी बिज़नेस थे, वे शीर्ष पर पहुँच गए। नतीजतन, आज वो एक सफल डायरेक्ट सेलर और उद्यमी हैं। उन्होंने “वैक्सीन फॉर फाइनेंशियल फ्रीडम” नाम की एक किताब भी लिखी, जिसमें उन्होंने डायरेक्ट सेलर्स का मार्गदर्शन किया। इस किताब को डायरेक्ट सेलिंग बुक ऑफ़ द ईयर 2023 अवार्ड भी मिल चुका है।
लगातार इस बिज़नेस में सफलता के चलते, महावीर कैंतुरा को पद्मश्री डॉ वंदना लूथरा द्वारा 8 लाख रूपए कैश अवार्ड और लेजेंड्री क्रिकेटर एवं पद्म भूषण कपिल देव जी से भी 8 लाख रूपए कैश अवार्ड हासिल कर चुके हैं। आज हम उनकी जीवन शैली को देखें, तो वो डायरेक्ट सेलिंग की बदौलत सिंगापुर, मलेशिया, और पेरिस समेत कई देशों की यात्रा अपने परिवार के साथ कर चुके हैं। जिंदगी में 360 डिग्री टर्न के साथ आज वो लम्बे समय से अच्छी आमदनी ले रहे हैं। इतना ही नहीं, डायरेक्ट सेलिंग बिज़नेस को उन्होंने कई मंचों पर प्रस्तुत किया है, जैसे कि आल इंडिया रेडियो, चैट विथ वत्स और फेम टॉक।
एथिकल हार्ड कोर वैल्यूज से मिला यह मुकाम
जब ग्रोथ नहीं होती और आमदनी नहीं बढ़ती, तो ज्यादातर लोग शॉर्टकट अपना लेते हैं, लेकिन उन्होंने अपनी एक्टिविटीज को बढ़ाकर और प्लान को हर बार इम्प्रूव करके अपनी आमदनी को बढ़ाया। जहाँ एक ओर बल्क बाइंग और क्रिप्टो करेंसी के नाम पर मनी रोटेशन जैसी कई चीजें डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री में चल रही हैं, वहां यह कपल डायरेक्ट सेलिंग की कोर वैल्यू के साथ इसे आगे बढ़ा रहा है। डायरेक्ट सेलिंग में 20 से ज्यादा सालों के अपने सफर में उन्होंने एथिकल डायरेक्ट सेलिंग को बढ़ावा दिया है, जिसके तहत उनका मिशन 10 लाख लोगों को समृद्ध बनाना है।
पति-पत्नी बने मार्केटिंग सुपरस्टार
श्री महावीर कैंतुरा की पत्नी श्रीमती सोनम कैंतुरा इस इंडस्ट्री में उनके साथ कंधे से कन्धा मिलाकर काम कर रही हैं। सोनम भी मिडल क्लास फैमिली से थीं, जो उनके नेटवर्क और जीवन में बड़े बदलाव लेकर आयी। घर, परिवार को सँभालने के साथ इस बिज़नेस की ग्रोथ में उनका अहम योगदान है। पति-पत्नी जब मिलकर काम करते हैं, तो वो कुछ बड़ा करके लोगों के लिए प्रेरणा बनते हैं, और यही किया महावीर कैंतुरा और उनकी पत्नी सोनम कैंतुरा ने। उन्हें डायरेक्ट सेलिंग न्यूज़ और डायरेक्ट सेलिंग टुडे द्वारा डायरेक्ट सेलिंग कपल ऑफ़ दि ईयर और नेटवर्क मार्केटिंग कपल ऑफ़ दि ईयर अवार्ड मिला है।
महावीर कैंतुरा अपनी सफलता का श्रेय डायरेक्ट सेलिंग के प्रति अपनी हार्डकोर वैल्यू और एजुकेशन सिस्टम को बताते हैं। 2019 से रोज़ सुबह 8:30 बजे और रात 9 बजे उनकी टीम लगातार ज़ूम सेशन कर रही है। ऑनलाइन हो या ऑफलाइन उनकी टीम में लगातार ट्रेनिंग और मीटिंग का दौर चलता रहता है। कुल मिलाकर एक बेहतरीन एजुकेशन सिस्टम और सही मूल्यों को डुप्लीकेट करने की वजह से वो न सिर्फ अपनी जिंदगी में, बल्कि अपने नेटवर्क में लाखों लोगों की लाइफ में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।
पिछले कई सालों से वो अपनी कंपनी के शीर्ष पायदान पर हैं और हज़ारों-लाखों लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए लगातार बिज़नेस को आगे बढ़ा रहे हैं। हमें पूरी उम्मीद है कि श्री महावीर कैंतुरा की इस कहानी ने डायरेक्ट सेलिंग में आपके सपनों को क्लैरिटी दी होगी।
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