Friday, November 22, 2024
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सही डायरेक्ट सेलिंग कंपनी को चुने और फ्रॉड से बचे

डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में होने वाले फ्रॉड से बचे …

डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में एक बार फिर से पोंजी और पिरामिड जैसा स्कैम सामने आया है। राजस्थान में मल्टी लेवल मार्केटिंग के नाम पर 100 करोड़ की ठगी सामने आयी है। ओमी राम उर्फ़ राम मारवाड़ी नाम के शख्स को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दिल्ली के रोहिणी से गिरफ्तार किया है। यही नहीं आरोपी ओमी राम के खिलाफ तक़रीबन 50 से ज़्यादा मामले अलग-अलग थाने में दर्ज है। क्योकि ये पूरा मामला डायरेक्ट सेलिंग के नाम पर फ्रॉड से जुड़ा है इसीलिए हम आपको बताते चले कि डायरेक्ट सेलिंग को MLM और नेटवर्क मार्केटिंग के नाम से भी जाना जाता है। इस तरह के फ्रॉड से MLM और नेटवर्क मार्केटिंग जैसे शब्द भी बदनाम होते है। आप इस तरह के फ्रॉड में न फसे इसके लिए हम आपको बताते है MLM या डायरेक्ट सेलिंग कानून क्या कहता है। डायरेक्ट सेलिंग में आपसे किसी भी तरह की एंट्री फीस नहीं ली जा सकती और न ही आपसे मेंबर जोड़ने पर कमीशन देने की बात कही जाती है , इसमें आपको प्रोडक्ट की सेल से कमाई की बात कही जाती है । फ्रॉड्स डायरेक्ट सेलिंग के नाम पर आपको बड़े बड़े सपने दिखाते है और आपसे लोगों को जोड़ने पर जोर देते है यानि की पिरामिड स्कीम चलाते है। यह बहुत जरुरी है कि आप  फ्रॉड और डायरेक्ट सेलिंग कंपनी के बीच के फर्क को समझे ताकि डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में आपको कोई बेवकूफ न बना सके। इस तरह के फ्रॉड्स डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को बदनाम करते है, ये बेहद जरुरी है कि आप सतर्क रहे। चलिए अब आपको बताते है कि कैसे ओमी राम ने MLM की आड़ में कंपनी तो खोली लेकिन उसने किसी भी डायरेक्ट सेलिंग कानून का पालन नहीं किया और केवल और केवल चैन बनाने और पिरामिड स्कीम के जरिये लोगो को फसाया। 

क्या है पूरा मामला ?

BSF में था कुक – कई सारी ठगी करने के साथ आरोपी ओमी राम BSF में कुक भी रह चुका था।  2007 में उसने नौकरी छोड़ी जिसके बाद उसने सिक्योरिटी एजेंसी खोली हालाकि कुछ दिनों बाद ही उसने एजेंसी बेच दी। इसके बाद उसने शुरू किया  MLM के नाम पर स्कैम। 
 डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में किया स्कैम – सबसे पहले उसने ‘मिताशी मार्केटिंग एंड कंसल्टेंसी प्राइवेट लिमिटेड’ के साथ एजेंट के तौर पर काम किया। 2008 में उसने अपनी नई कंपनी ‘मिताशी ट्रेड लिंक एंड प्राइवेट लिमिटेड’ नाम से खोली। ओमी राम ने खोली तो मल्टी लेवल मार्केटिंग कंपनी थी लेकिन वह गलत और गैरकानूनी तरीके से उसे चला रहा था | इस कंपनी में वह लोगो को जोड़ने पर कमिशन देता था और नए  मेंबर के ज्वाइन होने पर उससे 4000 रुपए भी वसूलता था। जॉइनिंग करने पर मेंबर को 400 रूपए का सफारी सूट दिया जाता था और साथ ही आगे कम से कम 10 लोगों को जोड़ने को कहा जाता था। हर महीने में दो लाख का टारगेट पूरा करने वाले एजेंट को साल भर में बाइक इनाम में दी जाती थी।  इसी तरह हजारों लोगों को जोड़कर कंपनी ने  तक़रीबन 100 करोड़ से ज़्यादा की कमाई की और इसके बाद वह सारे पैसे लेकर फरार हो गया।
डायरेक्ट सेलिंग नाउ आप सभी से अपील करता है कि आप इन सभी तरह के फ्रॉड से बचे। ये जरुरी नहीं है कि खुद को डायरेक्ट सेलिंग  कंपनी कहने वाली सभी कंपनी सही हो, ज्वाइन करने से पहले कंपनी के बारे जाँच कर लें और कंपनी की पॉलिसी भी देख लें।     
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