Wednesday, October 1, 2025
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CEDSA 4th Annual Conclave: पैनल 3 में ‘Women in Direct Selling’ पर हुई प्रेरणादायी चर्चा

Network Marketing News: नई दिल्ली। Centre of Excellence for Direct Selling in Academics (CEDSA) के चौथे वार्षिक कॉन्क्लेव के तीसरे पैनल डिस्कशन में “Women in Direct Selling: Unlocking Untapped Potential” विषय पर एक गहरी और मोटिवेट करने वाली बातचीत हुई। इस सत्र का संचालन पैनल मॉडरेटर सुश्री यामिनी शर्मा ने किया। चर्चा में महिला उद्यमिता, आर्थिक सशक्तिकरण और डायरेक्ट सेलिंग के क्षेत्र में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर खास फोकस किया गया।

पैनल में मुख्य वक्ताओं के रूप में सुश्री मधु सुधी, अधिवक्ता प्रियांका शर्मा, डॉ. स्वाति, सुश्री प्रियांका भाटिया, सुश्री धर्मशीला कुमारी और सुश्री ज्योति सिंह शामिल रहीं। सभी ने अपने-अपने अनुभव और विचार शेयर करते हुए बताया कि डायरेक्ट सेलिंग महिलाओं के लिए किस तरह आर्थिक आज़ादी और खुद पर निर्भर बनने का अच्छा तरीका बन सकता है।

डायरेक्ट सेलिंग: आर्थिक ताकत और बिज़नेस का रास्ता चर्चा की शुरुआत में पैनलिस्ट्स ने कहा कि भारत में डायरेक्ट सेलिंग एक ऐसा क्षेत्र है जो कम पैसों में बिज़नेस शुरू करने का मौका देता है और खासकर महिलाओं को घर-परिवार की जिम्मेदारियों के साथ-साथ आर्थिक रूप से एक्टिव रहने का अवसर देता है। सुश्री मधु सुधी ने कहा, “डायरेक्ट सेलिंग सिर्फ कमाई का तरीका नहीं, बल्कि यह महिलाओं का आत्मविश्वास, नेटवर्किंग और लीडरशिप स्किल भी बढ़ाता है।”

युवाओं और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के तरीके अधिवक्ता प्रियांका शर्मा ने बताया कि इस क्षेत्र में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए फ्लेक्सिबल काम का समय, डिजिटल स्किल ट्रेनिंग और सोशल सिक्योरिटी जैसे पहलुओं पर ध्यान देना ज़रूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और इंडस्ट्री संगठनों को मिलकर महिला उद्यमियों के लिए खास ट्रेनिंग और मोटिवेशनल प्लान लाने चाहिए।

बदलाव और सफलता की कहानियाँ डॉ. स्वाति ने अपने अनुभव शेयर करते हुए कहा कि डायरेक्ट सेलिंग के ज़रिए न सिर्फ हजारों महिलाओं ने स्थायी कमाई का साधन बनाया है, बल्कि उन्होंने अपने इलाके में रोल मॉडल के रूप में पहचान भी बनाई है। उन्होंने कुछ असली उदाहरण दिए, जहां गांव की महिलाएं छोटे स्तर से शुरुआत कर अब बड़े नेटवर्क चला रही हैं। सुश्री प्रियांका भाटिया ने कहा कि महिलाओं की सफलता की कहानियां सिर्फ मोटिवेट नहीं करतीं, बल्कि यह साबित करती हैं कि सही गाइडेंस और रिसोर्स मिलने पर महिलाएं किसी भी क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकती हैं।

मेंटॉरशिप और कम्युनिटी प्रोग्राम का महत्व सुश्री धर्मशीला कुमारी ने कहा कि शुरुआत में कई महिलाएं कन्फ्यूजन और डर की वजह से इस क्षेत्र को छोड़ देती हैं। इसे रोकने के लिए मेंटॉरशिप प्रोग्राम, अनुभवी लीडर्स की गाइडेंस, और कम्युनिटी सपोर्ट ग्रुप बहुत असरदार हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि CEDSA और अन्य संगठन ऐसे प्लेटफॉर्म तैयार करें, जहां नए टैलेंट को अनुभवी नेटवर्क मार्केटर्स से सीधे सीखने का मौका मिले।

करियर के रूप में डायरेक्ट सेलिंग सुश्री ज्योति सिंह ने पैनल के मुख्य सवाल का जवाब देते हुए कहा कि डायरेक्ट सेलिंग को एक स्थायी और सम्मानजनक करियर बनाने के लिए साफ नीतियां, प्रोडक्ट की क्वालिटी और ट्रेनिंग सिस्टम को मजबूत करना ज़रूरी है। उन्होंने युवाओं को मैसेज दिया कि यह क्षेत्र सिर्फ बिक्री का नहीं, बल्कि पर्सनल डेवलपमेंट और लीडरशिप का भी तरीका है।

मुख्य सवालों पर चर्चा सत्र के दौरान दो ज़रूरी सवालों पर गहरी चर्चा हुई—

महिलाओं और युवाओं को डायरेक्ट सेलिंग में करियर चुनने के लिए कौन-सी पहल हो सकती हैं?

  • फ्लेक्सिबल काम का समय और वर्क-फ्रॉम-होम मॉडल

  • डिजिटल मार्केटिंग और सेल्स स्किल ट्रेनिंग

  • सरकारी और प्राइवेट स्तर पर उद्यमिता बढ़ाने की योजनाएं

  • सफलता की कहानियों का प्रचार और रोल मॉडल तैयार करना

मेंटॉरशिप और कम्युनिटी प्रोग्राम शुरुआती ड्रॉपआउट रेट कैसे कम कर सकते हैं?

  • अनुभवी लीडर्स से पर्सनल गाइडेंस

  • रेगुलर टीम मीटिंग्स और मोटिवेशनल सेशन

  • आपसी सहयोग और अनुभव शेयर करने का प्लेटफॉर्म

  • सफलता के छोटे-छोटे टारगेट्स तय करना

इस सत्र ने यह साफ कर दिया कि सही रणनीतियों, ट्रेनिंग और सपोर्ट से महिलाएं और युवा इस क्षेत्र में बेहतरीन उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। पैनल 3 की चर्चा ने दर्शकों को न सिर्फ मोटिवेट किया, बल्कि उन्हें प्रैक्टिकल सॉल्यूशन्स और नए आइडियाज भी दिए।

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