
Direct Selling News: सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर डायरेक्ट सेलिंग इन एकेडमिक्स (CEDSA) ने शूलिनी यूनिवर्सिटी (सोलन) के सहयोग से 11 जुलाई को तीसरे CEDSA (3rd CEDSA Direct Selling Conclave) डायरेक्ट सेलिंग कॉन्क्लेव का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें देश भर के प्रमुख डायरेक्ट सेलर्स ने हिस्सा लिया और विभिन्न पैनल चर्चाओं के जरिए डायरेक्ट सेलिंग के भविष्य, इस क्षेत्र की चुनौतियों और समाधान के बारे में बातचीत की।
Direct Selling News
कॉन्क्लेव की शुरुआत चांसलर प्रो. पी.के. खोसला के संबोधन से हुई, जिन्होंने डायरेक्ट सेलिंग के बारे में बात करते हुए उपभोक्ताओं को व्यावसायिक अवसर के रूप में उभर रही इस इंडस्ट्री के बारे में बताया। उन्होंने भारतीय विश्वविद्यालयों में रिसर्च के महत्व पर भी विचार साझा किये और कहा कि शिक्षण और सीखने से पहले शैक्षणिक संस्थानों में गुणवत्ता और ज्ञान सृजन होना बहुत जरूरी है।
इस अवसर पर इनोवेशन एंड मार्केटिंग के प्रेसिडेंट प्रो आशीष खोसला ने भी अपने विचार साझा किए। उन्होंने अपनी जिंदगी के अनुभवों को शेयर करते हुए सीखने के माइंडसेट और इसके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने शूलिनी यूनिवर्सिटी की स्थापना और शिक्षा में गुणवत्ता के प्रति इसकी प्रतिबद्धता के बारे में बात की, साथ ही ग्लोबल लेवल पर एजुकेशन के मानकों को प्राप्त करने के लिए भारतीय विश्वविद्यालयों को रिसर्च पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
3rd CEDSA Direct Selling Conclave
शूलिनी यूनिवर्सिटी में CEDSA के निदेशक प्रोफेसर कमल कांत वशिष्ठ ने डायरेक्ट सेलिंग के लिए शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए डायरेक्ट सेलिंग पाठ्यक्रम शुरू करने में शूलिनी यूनिवर्सिटी की अग्रणी भूमिका पर प्रकाश डाला और इस इंडस्ट्री की गरिमा को बढ़ाने के लिए डायरेक्ट सेलर्स को सशक्त बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कार्यकम 4 पैनल चर्चाओं में विभाजित था। पहली पैनल चर्चा, “भारत में डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के प्रमुख हितधारक और उनकी भूमिकाओं,” पर आधारित रही, जिसमें श्री कपिल शर्मा, श्री मोहम्मद जाकिर हुसैन, श्री केएम रफीक, श्री किशोर वर्मा और श्री राहुल शर्मा शामिल थे। पैनल चर्चा के दौरान पैनलिस्टों ने सरकार के नियमों और इंडस्ट्री में विभिन्न हितधारकों की भूमिकाओं पर चर्चा की।
दूसरी पैनल चर्चा में, “डायरेक्ट सेलिंग को एक प्रतिष्ठित, अच्छी तरह से पहचाने जाने वाले पेशे के रूप में स्थापित करने के लिए एक रोडमैप का विकास,” करने के बारे में बातचीत हुई, जिस दौरान प्रोफेसर कमल कांत वशिष्ठ, श्री कैलाश भट्टड़, श्री शिव अरोड़ा, श्री प्रोफेसर केएन वासु-पलिया, डॉ. विनोद निंबूदरी और श्रीमती यामिनी शर्मा ने डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री की धारणा और गरिमा को बढ़ाने पर अपनी बातचीत की।
तीसरी पैनल चर्चा का थीम – “समसामयिक चुनौतियां, प्रस्तावित समाधान और आगे का रास्ता,” था। इसमें डॉ. सुरेंद्र वत्स, श्री प्रांजल आर डेनियल, श्री नरसी ग्रेवाल, श्री राजीव गुप्ता, श्री वेद प्रकाश ओझा, एवं श्री सुनील शर्मा शामिल थे। उन्होंने इंडस्ट्री के सामने आने वाली मौजूदा चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया और साथ ही इन चुनौतियों से निपटने के लिए इनोवेटिव समाधान प्रस्तुत किए। चर्चाओं ने डायरेक्ट सेलिंग में नैतिक मूल्यों के महत्व को रेखांकित किया।
वित्तीय समावेशन और भारत में डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के आर्थिक प्रभाव पर पैनल चर्चा-IV आयोजित हुई, जिसमें श्री राहुल सूदन, श्री हेम पांडे, डॉ. गोपालम सुल्तानिया, श्री महावीर कंटूरा, डॉ. हर्षवर्धन जैन, और श्री मनीष मरवाहा ने हिस्सा लिया।
गौरतलब है कि शूलिनी यूनिवर्सिटी में आयोजित तीसरा CEDSA डायरेक्ट सेलिंग कॉन्क्लेव डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री को आगे बढ़ाने और इस इंडस्ट्री में एक प्रगतिशील रास्ता तय करने के लिए विशेषज्ञों और हितधारकों को एक साथ लाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
Direct Selling News
Direct Selling Latest News: Renatus Wellness के संस्थापक Subrata Dutta को मिला इंटरनेशनल पीस एम्बेसडर अवार्ड