Network Marketing Breaking News: कांस्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में आज 11 जनवरी 2025 को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) द्वारा आयोजित “डायरेक्ट सेलिंग पर राउंड टेबल बैठक” में डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के भविष्य और उपभोक्ता संरक्षण को लेकर महत्वपूर्ण चर्चा हुई। इस बैठक में फेडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (FDSA) के अध्यक्ष श्री एपी रेड्डी ने विभिन्न मंत्रालयों और संगठनों के अधिकारियों सामने अपने विचार प्रस्तुत किए!
बैठक में मुख्य अतिथि के रूप में उपभोक्ता मामले मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अनुपम मिश्रा, सांसद श्री प्रवीण खंडेलवाल, और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) की कार्यकारी निदेशक श्रीमती इनोषी शर्मा शामिल हुईं। इस दौरान एफडीएसए के उपाध्यक्ष श्री राजीव गुप्ता, महासचिव श्री किशोर वर्मा, इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन (IDSA) रेप्रेजेंटेटिव श्री रजत बनर्जी, एसोसिएशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एंटिटीज ऑफ इंडिया (ADSEI) के अध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार, ज़ाकिर हुसैन दूरसंचार मंत्रालय, निदेशक; नीति मामलों के विशेषज्ञ रमेश कैलाशम, और डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के अन्य गणमान्य विशेष रूप से उपस्थित रहे।
उद्योग की मदद करेगा मंत्रालय: श्री अनुपम मिश्रा
इस दौरान श्री अनुपम मिश्रा ने सभा को संबोधित करते हुए डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के सभी हितधारकों द्वारा उठाए गए मुद्दों को गंभीरता और धैर्यपूर्वक सुना। उन्होंने अपने सुझाव और मार्गदर्शन साझा करते हुए उद्योग को इन चुनौतियों से उबरने में मदद करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि मंत्रालय समय-समय पर इस क्षेत्र को आवश्यक समर्थन और सहयोग प्रदान करता रहेगा।

डायरेक्ट सेलर्स और उपभोक्ताओं के लिए प्रतिबद्ध FSSAI
इसके अलावा श्रीमती इनोषी शर्मा ने सभा को संबोधित करते हुए डायरेक्ट सेलिंग उद्योग के प्रति एफएसएसएआई के समर्थन की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि एफएसएसएआई अब उत्पादों की गुणवत्ता और आपूर्ति श्रृंखला की अखंडता सुनिश्चित करने में उदार और सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपना रहा है। उन्होंने उद्योग के विकास और उपभोक्ताओं के विश्वास को बनाए रखने के लिए एफएसएसएआई की प्रतिबद्धता दोहराई।

पोंजी कंपनियों पर खतरा: बनेगी टास्क फ़ोर्स
श्री प्रवीण खंडेलवाल ने डायरेक्ट सेलिंग उद्योग में वैधता को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने CAIT की ओर से एक टास्क फोर्स के गठन की घोषणा की, जिसमें प्रमुख डायरेक्ट सेलिंग संगठनों के सदस्य शामिल होंगे। इस टास्क फोर्स का उद्देश्य जागरूकता, प्रचार-प्रसार, सेल्फ रेगुलेशन और समान नियमों को लागू करना होगा। उन्होंने कहा, “डायरेक्ट सेलिंग में जब भी अवैध गतिविधियों की बात होती है, तो सबसे पहले इसका प्रभाव सेलर्स, दुकानदारों और अंततः सरकार पर पड़ता है। इसलिए, 1 सप्ताह के भीतर सभी प्रमुख संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ यह टास्क फोर्स बनाकर हम एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करेंगे।”

श्री खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह सरकार पहली बार छोटे व्यापारियों और गैर-कॉर्पोरेट सेक्टर के लोगों के लिए व्यापक रूप से कार्य कर रही है। उन्होंने इस क्षेत्र में कौशल विकास और वित्तीय सशक्तिकरण की योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि यह मोदी सरकार की दूरदर्शी सोच को दर्शाता है।
300 से अधिक कंपनियों के आवेदन लंबित
इस दौरान अपने संबोधन में श्री एपी रेड्डी ने बताया कि एफडीएसए पहली ऐसी संस्था है, जिसने सरकार के डायरेक्ट सेलिंग कानूनों की घोषणा से पहले ही सेल्फ रेगुलेशन तैयार किए थे। उन्होंने कहा सरकार के 90% दिशा निर्देश एफडीएसए के दिशानिर्देशों के समान हैं। उन्होंने कहा भारत में मुख्य रूप से 3 डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन हैं, जिनमें लगभग 50 डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों को सदस्यता मिली है। उन्होंने आगे कहा कि एफडीएसए की सदस्यता केवल उन्हीं कंपनियों को दी जाती है, जो सभी सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी जांच समिति प्रत्येक आवेदन की गहन समीक्षा करती है। हमारे पास वर्तमान में 300 से अधिक कंपनियों के आवेदन लंबित हैं, क्योंकि हम सुनिश्चित करते हैं कि केवल वैध डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां ही हमारी सदस्यता प्राप्त करें। उन्होंने यह भी साझा किया कि एफडीएसए के उपाध्यक्ष और महासचिव को पोंजी कंपनियों द्वारा धमकियां मिली हैं, लेकिन इसके बावजूद, हम वैध कंपनियों के लिए लड़ाई जारी रखे हुए हैं।

उन्होंने सरकार से अपील की कि वह इन संगठनों और उनके दिशानिर्देशों को मान्यता प्रदान करे। उन्होंने कहा कि यदि सरकार का समर्थन मिला, तो आने वाले 2-3 वर्षों में देश से सभी अवैध पोंजी कंपनियों को समाप्त किया जा सकेगा।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर इंटरैक्टिव सेशन
एफडीएसए के महासचिव श्री किशोर वर्मा ने डायरेक्ट सेलिंग उद्योग की संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला और कहा कि इस उद्योग का आधार जनता का विश्वास है। उन्होंने विशेष रूप से नकली मीम्स और अफवाहों का उल्लेख किया, जो उद्योग की छवि को प्रभावित करते हैं। श्री किशोर वर्मा ने डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों के सामने मौजूद वर्तमान चुनौतियों और रेगुलेटरी कम्प्लाइंसेस की व्यक्तिगत व्याख्या पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बाजार में कुछ एजेंसियों का अनचाहा हस्तक्षेप उद्योग के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर रहा है। श्री वर्मा ने उपभोक्ता मामले मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री अनुपम मिश्रा से अपील की कि वे इस उद्योग के लिए ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ (व्यवसाय को सुगम बनाने) पर एक इंटरैक्टिव सेशन आयोजित करें। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के सेशन उद्योग को न केवल नियमों को बेहतर तरीके से समझने में मदद करेंगे, बल्कि संचालन में आने वाली बाधाओं को भी दूर करेंगे।

बैठक के अंत में श्री प्रवीण खंडेलवाल ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “हम सभी इस बदलाव के ब्रांड एंबेसडर बनेंगे और समाज में डायरेक्ट सेलिंग के प्रति सकारात्मक धारणा और वातावरण को बढ़ावा देंगे।” श्री अनुपम मिश्रा ने डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों को स्पष्ट रूप से आगाह किया कि वे केवल अधिनियम में उल्लेखित कानूनों और नियमों का पालन करें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि आप नियमों के अनुरूप कार्य कर रहे हैं, तो आपको किसी कानूनी सलाहकार या बाहरी मदद की आवश्यकता नहीं होगी। गौरतलब है यह बैठक डायरेक्ट सेलिंग उद्योग को सशक्त और संगठित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।
Direct Selling Industry Latest News
Dhanwantari Distributors Pvt. Ltd. को मिली FDSA की प्रतिष्ठित सदस्यता