कोरोना महामारी के बावजूद राजस्थान प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार 2021-22 के वित्त वर्ष में बड़ी सफलता पाने में कामयाब रहा। 2021-22 के वित्त वर्ष में राजस्थान ने प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार में 700 करोड़ का आकड़ा पार किया। इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसिएशन यानि IDSA के द्वारा जारी की गई एक वार्षिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी । इस रिपोर्ट में ये बताया गया कि राजस्थान ने वित्त वर्ष 2021-22 की रैंकिंग में चौथा स्थान प्राप्त किया है। पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश दूसरे में दिल्ली और तीसरे स्थान में हरियाणा ने अपनी जगह बरकरार रखी है। IPSOS रणनीति 3 के द्वारा किये गए सर्वे में कहा गया कि राजस्थान में डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री कारोबार को बनाये रखने में कामयाब रहा। राष्ट्रीय डायरेक्ट सेलिंग का आकड़ा वित्त वर्ष 2021-22 में 18067 करोड़ रहा और राजस्थान ने इस आकड़े के 4 प्रतिशत को छुआ है। IDSA के अध्यक्ष रजत बनर्जी ने कहा कि उत्तरी राज्यों में राजस्थान उनके लिए प्रथमिकता वाले बाज़ारों में से एक है। उन्होंने कहा उत्तरी क्षेत्र में में राजस्थान को मिला चौथा स्थान ये साबित करता है कि राज्य में डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री के लिए अपार संभावनाएं है। आपको बताते चलें कि राज्य में लगभग 3.4 लाख प्रत्यक्ष विक्रेता है। रिपोर्ट्स की मानें तो डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री ने टैक्स के माध्यम से सरकारी खजाने में 110 करोड़ रुपए का योगदान दिया है। कोरोना महामारी के बावजूद डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री ने काफी उछाल देखा है, जो इस बात की और इशारा करता है कि इंडस्ट्री आने वाले समय में भारत की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।